आप अक्सर विदेशों से आने वाली ख़बरें देखते हैं, पर चीन के अपडेट कभी‑कभी बहुत ज़रूरी होते हैं। चाहे वो नई शिक्षा नीति हो या तकनीकी प्रगति, हर बदलाव का असर भारत में भी पड़ता है। इसलिए हम यहाँ संक्षिप्त, समझने आसान जानकारी लाते हैं – ताकि आप बिना समय बर्बाद किए तुरंत जान सकें क्या चल रहा है.
पिछले साल दो देशों ने कई विश्वविद्यालयों के बीच छात्र विनिमय कार्यक्रम तेज़ किया। अब भारत के विज्ञान‑इंजीनियरिंग छात्रों को बीजिंग में दो‑सेमेस्टर की पढ़ाई के लिए विशेष स्कॉलरशिप मिल रही है। साथ ही, चीन के भाषा केंद्र भी बड़े शहरों में खुल रहे हैं, जिससे हिंदी सीखना आसान हो रहा है. यह सहयोग न सिर्फ शिक्षा का स्तर बढ़ाता है, बल्कि व्यापार और सांस्कृतिक समझ को भी मजबूत करता है.
हाल ही में चीन ने 12वीं कक्षा के पाठ्यक्रम में प्रैक्टिकल लैब काम की मात्रा दोगुनी कर दी। सरकार का कहना है कि इससे छात्रों को नौकरी मिलने में फायदा होगा. साथ ही, डिजिटल क्लासरूम का रोल‑आउट तेज़ हो रहा है – हर स्कूल में हाई‑स्पीड इंटरनेट और AI‑आधारित लर्निंग टूल्स लग रहे हैं। अगर आप चीन के बाजार या टेक स्टार्टअप में काम करना चाहते हैं, तो इन बदलावों को समझना फायदेमंद रहेगा.
एक और बात जो अक्सर छूट जाती है, वो है तकनीकी शिक्षा पर ज़ोर. चीन ने पिछले महीने एक राष्ट्रीय कोडिंग एलीवेटर प्रोग्राम शुरू किया, जिसमें हाई स्कूल के छात्रों को मुफ्त में सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट ट्रेनिंग दी जाएगी. इससे युवा पीढ़ी को नौकरी की तैयारी जल्दी मिल सकती है और भारत‑चीन टेक सहयोग में नई संभावनाएँ खुलेंगी.
अगर आप चीन से जुड़ी निवेश या व्यापार योजना बना रहे हैं, तो इन शिक्षा रुझानों पर नजर रखें। कुशल workforce बनना, डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास – ये सब आपके प्रोजेक्ट को सफल बनाने में मदद करेंगे. साथ ही, भारत की कंपनियाँ भी अब चीन के विश्वविद्यालयों से सीधे टैलेंट हायर कर रही हैं.
संक्षेप में, चीन में शिक्षा नीति तेज़ी से बदल रही है और इसका असर वैश्विक स्तर पर महसूस किया जा रहा है. चाहे आप छात्र हों, प्रोफ़ेसर, या बिजनेस प्रोफेशनल – इन अपडेट्स को फॉलो करना आपके लिए लाभदायक रहेगा.
चीन ने ताइवान के आसपास एक बड़े सैन्य अभ्यास के तहत रिकॉर्ड संख्या में लड़ाकू विमानों की तैनाती की है, जिसमें 153 विमान शामिल थे। इसका मुख्य उद्देश्य 'ताइवान स्वतंत्रता' के प्रयासों को रोकना था। ताइवान की प्रतिक्रिया के तौर पर, उसके रक्षा मंत्रालय ने युद्धक विमान और नौसैनिक जहाज तैनात किए। (आगे पढ़ें)