जब हम बजट, राष्ट्र के राजकोषीय योजना जो आय‑व्यय को निर्धारित करती है. Also known as वित्तीय योजना, it सरकार को आर्थिक लक्ष्यों को हासिल करने का ढाँचा देता है। बजट सिर्फ आंकड़े नहीं, बल्कि भविष्य के विकास को दिशा‑निर्देश देने वाला रोडमैप है। इसलिए हर साल इसका जारी होना मीडिया और आम जनता दोनों की नज़र में रहता है।
बजट बनाते समय कई जुड़े हुए घटकों को ध्यान में रखा जाता है। सबसे पहले केन्द्रीय वित्त मंत्रालय, जो बजट तैयार करने की जिम्मेदारी संभालता है राजस्व अनुमान और खर्च की प्राथमिकताएँ तय करता है। फिर कर नीति, आय सृजन का मुख्य साधन को समायोजित किया जाता है – टैक्स स्लैब, छूट या नई कर व्यवस्था। साथ ही सार्वजनिक खर्च, बुनियादी ढाँचा, स्वास्थ्य, शिक्षा और सुरक्षा में निवेश बजट का प्रमुख घटक है। अंत में आर्थिक सुधार, वित्तीय स्थिरता और विकास को तेज़ करने के कदम बजट में शामिल होते हैं, जिससे रोजगार सृजन और व्यवसायिक माहौल बेहतर बनता है।
यहाँ आप देखेंगे कि बजट कैसे आय‑व्यय संतुलन, कर नीति, सार्वजनिक खर्च और आर्थिक सुधार को आपस में जोड़ता है। इन कनेक्शनों को समझने से आप बजट के असर को बेहतर ढंग से देख पाएँगे – चाहे वह व्यक्तिगत वित्तीय योजना हो या राष्ट्रीय आर्थिक दिशा। नीचे दी गई लेख-समूह में आप भारत के नवीनतम बजट‑सम्बंधित समाचार, विशेषज्ञ विचार और विश्लेषण पा सकते हैं, जो इस जटिल प्रक्रिया को आसान बनाते हैं।
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