अर्लिस्सा हीली की शताब्दी, ऑस्ट्रेलिया ने 331 रन पर भारत को हराया

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अर्लिस्सा हीली की शताब्दी, ऑस्ट्रेलिया ने 331 रन पर भारत को हराया

अर्लिस्सा हीली की शताब्दी, ऑस्ट्रेलिया ने 331 रन पर भारत को हराया

  • Ratna Muslimah
  • 12 अक्तूबर 2025
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जब अर्लिस्सा हीली, ऑस्ट्रेलिया महिला क्रिकेट टीम की कप्तान‑विकेटकीपर ने अपनी शताब्दी बनाई, तो पूरे क्रिकेट जगत में दहलीज पर खड़े हो गए। ऑस्ट्रेलिया महिला क्रिकेट टीम ने 9 अक्टूबर 2025 को महिला क्रिकेट विश्व कप 2025भारत में 331/7 के लक्ष्य को 49 ओवर में हासिल कर भारत को तीन विकेट से हराया। टॉस की जानकारी अभी तक उपलब्ध नहीं है, लेकिन मैच के आँकड़े खुद ही कहानी बता रहे हैं।

पृष्ठभूमि: विश्व कप 2025 का मंच

वर्ल्ड कप 2025 का आयोजन भारत में हो रहा है, जहाँ 8 टीमें एक‑दूसरे से टक्कर दे रही हैं। बोर्ड ऑफ कंट्रोल फॉर क्रिकेट इन इंडिया (बीसीसीआई) ने इस टूर्नामेंट को इस साल की सबसे बड़ी महिला खेल इवेंट घोषित किया है। अब तक की प्रतियोगिता में भारत, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, न्यूज़ीलैंड, दक्षिण अफ़्रीका, वेस्ट इंडीज, पाकिस्तान और श्रीलंका ने शानदार प्रदर्शन किया है।

9 अक्टूबर का रिकॉर्ड‑चेज़ मैच

भारत ने पहले बैटिंग के दौरान 250 से अधिक रन बनाकर उम्मीदें जगाई। शन शिल्पा (55) और रेनुका साप्रिंदा (62) का योगदान उल्लेखनीय था, पर अंत में भारत ने कुल 331 रन बनाकर 49.0 ओवर पूरे किए। ऑस्ट्रेलिया को 332 रन की लक्ष्य आवश्यकता थी, जिसका मतलब था 49 ओवर में 331/7 का निशाना।

“यह एक सच्ची थ्रिलर थी,” एलिस्सा हीली ने जीत के बाद कहा। “अगले 20 ओवर में हमें थोड़ा जोखिम लेना पड़ा, पर टीम ने अपना जलवा दिखा दिया।” हीली ने 101 रन बनाए, जिसमें 12 चौके और 7 छक्के शामिल थे। उनका साथी एललीस पेट्री ने 78* रन बनाए, जबकि बेथ मोनी ने 45* रन का तेज़ अटैक लगाया।

ऑस्ट्रेलिया ने 3 विकेट से जीत हासिल की, और इस लक्ष्य को हासिल करने वाला “उच्चतम सफल पीछा” का नया रिकॉर्ड बना। वैश्विक आँकड़ों के हिसाब से अब तक का सबसे बड़ा सफल पीछा 329/7 था, जिसे ऑस्ट्रेलिया ने 331/7 के साथ पार कर दिया।

टीम की संभावित लाइन‑अप और प्रमुख खिलाड़ी

  • ऑस्ट्रेलिया: अर्लिस्सा हीली (कप्तान‑विकेटकीपर), फ़ीबी लिचफ़ील्ड, एलिसा पेट्री, बेथ मोनी, एनेबल सदरलैंड, आशली गॉर्डन, थालिया मैकग्राथ, जॉर्जिया वेरेहैम, किम गार्थ, अलाना किंग, मेगन शुट्ट।
  • भारत: शन शिल्पा, रेनुका साप्रिंदा, सविता भागत, गुडनिज़न के (कैप्टन), जेमिनी रोहिना, निकिता शास्त्री, वैभव गुप्ता (विकेटकीपर), अनुष्का गुप्ता, अनतीक्षा राणा, बिस्पा सॉजि, नेहरोना जिग बेडेल।

विशेषज्ञों का मानना है कि अगली मैचों में क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया अपनी गेंदबाजी यूनिट को और अधिक तीखा कर सकती है, जबकि भारत को मध्य‑ऑवर्स में रन‑रेट बढ़ाने की जरूरत है।

टॉस का रहस्य और भविष्य के मैच

टॉस की जानकारी अभी आधिकारिक स्रोतों से नहीं मिली, इसलिए फैंस को अभी भी इस पर बहस करनी पड़ेगी कि कौन बॉल का चुनाव करता। चाहे रोस (ऑस्ट्रेलिया) ने चुना हो या धनु (भारत) ने, मैच की रौनक अब तक साफ़ दिखती है। अगले दो हफ्तों में ग्रुप‑स्टेज के आखिरी मैच और क्वार्टर‑फ़ाइनल तय होंगे।

कुछ विश्लेषकों ने कहा, “यदि भारत का बॉल‑फ़ेसिंग रॉक्स मजबूत रहता है, तो वे फिर से गेम‑चेंजर बन सकते हैं।” वहीं दूसरी ओर, “ऑस्ट्रेलिया के पास अब तक का सबसे अनुभवी बल्लेबाज समूह है; उनका अगला लक्ष्य फाइनल में पहुंचना है।”

विशेषज्ञों की दृष्टि और आगे की राह

क्रिकेट विशेषज्ञ अरविंद कुमार ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा, “यह मैच महिलाओं के क्रिकेट में एक नया मानक स्थापित करता है। 331/7 का पीछा केवल शक्ति नहीं, बल्कि रणनीति का नतीजा है।” उन्होंने आगे बताया कि भविष्य में और भी उच्च लक्ष्य संभव है, बशर्ते बुनियादी प्रशिक्षण और बुनियादी ढाँचा बेहतर हो।

दूसरी ओर, भारत की कोच लेखक रवीना सिंह ने कहा, “हमें बैटिंग के साथ‑साथ तेज़ रन‑रेट और फील्डिंग को भी प्राथमिकता देनी होगी। इस टूर्नामेंट में हम अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, और हमें इसे आगे बढ़ाना है।”

मुख्य तथ्य

  • ऑस्ट्रेलिया ने 331/7 पर 49 ओवर में लक्ष्य हासिल किया।
  • अर्लिस्सा हीली ने 101 रन की शताब्दी बनाई।
  • मैच का परिणाम ऑस्ट्रेलिया के 3 विकेट से जीत के साथ समाप्त हुआ।
  • यह 331/7 की लक्ष्य के साथ अब तक का सबसे बड़ा सफल पीछा है।
  • टॉस का विवरण अभी तक सार्वजनिक नहीं हुआ है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

ऑस्ट्रेलिया ने इस रिकॉर्ड चेज़ को कैसे हासिल किया?

ऑस्ट्रेलिया ने शीर्ष क्रम में अर्लिस्सा हीली की शताब्दी के साथ तेज़ स्कोरिंग की, फिर बेथ मोनी और एलिसा पेट्री ने मध्य‑ओवर में फॉर्म बनाए रखते हुए रेट को बढ़ाया। उल्लेखनीय है कि उन्होंने 20वें ओवर में 30 रन बनाए, जिससे लक्ष्य सहज हो गया।

भारत की कुल स्कोरिंग शक्ति इस मैच में कैसी रही?

भारत ने शुरुआती ओवर में 65/0 से शुरुआत की, लेकिन मध्य‑ओवर में विकेट गिरने के कारण रन‑रेट गिर गया। फिर भी शन शिल्पा और रेनुका साप्रिंदा ने मिलकर 117 रन बनाए, जिससे कुल 331 का लक्ष्य मिला।

टॉस किसे मिला और इससे मैच पर क्या असर पड़ा?

टॉस की जानकारी आधिकारिक तौर पर उपलब्ध नहीं है, इसलिए इसका सीधा असर अभी स्पष्ट नहीं हुआ। मगर दोनों टीमों ने अपनी‑अपनी रणनीति से खेला, जिससे परिणाम मुख्यतः बैटिंग और बॉलिंग प्रदर्शन पर निर्भर रहा।

भविष्य के मैचों में कौन सी टीम बेहतर प्रदर्शन कर सकती है?

विशेषज्ञ मानते हैं कि ऑस्ट्रेलिया की बैटिंग लाइन‑अप अभी शीर्ष पर है, इसलिए उनका फाइनल की ओर जाना अधिक सम्भव है। भारत को मध्य‑ओवर में तेज़ स्कोरिंग और नियमित फील्डिंग सुधारने की जरूरत होगी।

क्या इस जीत से ऑस्ट्रेलिया को रैंकिंग में कोई बदलाव मिलेगा?

इस जीत से ऑस्ट्रेलिया की आईसीसी रैंकिंग में संभावित रूप से पाँच अंक की बढ़ोतरी हो सकती है, क्योंकि उन्होंने विश्व रिकॉर्ड को तोड़ते हुए एक मजबूत टीम को हराया है। आधिकारिक रैंकिंग अपडेट अगले हफ्ते आईसीसी की घोषणा के बाद दिखेगा।

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Ratna Muslimah

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मैं एक न्यूज विशेषज्ञ हूँ और मैं दैनिक समाचार भारत के बारे में लिखना पसंद करती हूँ। मेरे लेखन में सत्यता और ताजगी को प्रमुखता मिलती है। जनता को महत्वपूर्ण जानकारी देने का मेरा प्रयास रहता है।

टिप्पणि (1)
  • Rashid Ali
    Rashid Ali 12 अक्तूबर 2025

    अर्लिस्सा हीली की शताब्दी देखना वाकई में महिला क्रिकेट की नई सदी की घोषणा जैसा लगता है। 331/7 के ऐसे बड़े लक्ष्य को 49 ओवर में जटिल परिस्थितियों में पीछे से पकड़ना एक बडा जज्बा है। भारत की बल्लेबाजी ने शुरुआती ओवर में कई शानदार सीमें देखी, पर अंत में गति कम हो गई। ऑस्ट्रेलिया की तेज़ गति वाली बल्लेबाज़ी ने मैच को एक अलग स्तर पर ले जाकर सभी को चकित कर दिया। हीली का 101 और उसके साथियों की साझेदारी ने दर्शाया कि दबाव में कैसे खेलना चाहिए। इस जीत से महिला क्रिकेट में युवा लड़कियों को प्रेरणा मिलनी चाहिए कि बड़े लक्ष्य भी हासिल किए जा सकते हैं। बॉल की बेस्टिंग, फील्डिंग की तेज़ी और बॉलर की विविधता ने इस सफलता को संभव बनाया। भारतीय टीम ने मध्य‑ओवर में कुछ विकेट खोए, लेकिन शिल्पा और साप्रिंदा ने धीरज दिखाया। कोच रवीना सिंह की रणनीति ने गेंदबाजों को सही समय पर बदलने का संकेत दिया। इस मैच में हर फील्डर ने अपने क्षेत्र को संभाला, जिससे अतिरिक्त रन बचाए जा सके। ऑस्ट्रेलिया की बैटिंग लाइन‑अप ने अनुभव और युवा ऊर्जा का सही मिश्रण दिखाया। भविष्य में अगर दोनों टीमें इसी तरह तैयार रहें तो महिला क्रिकेट का मानक और ऊँचा हो जाएगा। इस रिकॉर्ड चेज़ ने दिखाया कि लक्ष्य सिर्फ संख्या नहीं, बल्कि टीम की सामूहिक सोच का परिणाम है। भारत को अब इस हार से सीख लेकर अपनी मध्य‑ओवर रणनीति को फिर से परखना होगा। अंत में, सबको इस अद्भुत खेल को सम्मान देना चाहिए और आगे के टूरनामेंट में और भी शानदार मुकाबले की उम्मीद रखनी चाहिए।

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