आपको लगता है कि स्वास्थ्य बनाये रखना मुश्किल काम है? असल में नहीं, छोटे‑छोटे बदलाव से बड़ी राहत मिलती है। इस लेख में मैं आपको ऐसे सरल कदम बताऊँगा जो आप तुरंत अपनी दिनचर्या में लगा सकते हैं और शरीर को फिट रख सकते हैं।
सबसे पहले पानी की बात कर लें – एक दिन कम से कम दो लीटर पानी पीना जरूरी है। अक्सर हम थकावट को भूख समझ लेते हैं, इसलिए जब भी पेट खाली महसूस हो तो एक गिलास पानी पिएँ। अगला, नाश्ता ना छोड़ें। दाल, अंडा या ओट्स जैसे प्रोटीन‑रिच विकल्प आपका मेटाबॉलिज़्म तेज करते हैं और पूरे दिन ऊर्जा देते हैं।
भोजन में सब्जियों को प्राथमिकता दें। हरी पत्तेदार चीज़ों से विटामिन C, K और फाइबर मिलते हैं जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं। यदि आप बाहर खा रहे हों तो छोटे हिस्से में शुरू करें और धीरे‑धीरे मात्रा घटाएँ। इस तरह पेट नहीं भरा रहेगा और वजन भी कंट्रोल में रहेगा।
रोगों से बचने का सबसे भरोसेमंद तरीका है नियमित व्यायाम। रोज़ 30 मिनट तेज़ चलना, साइकिल चलाना या योगा करने से हृदय‑स्वास्थ्य सुधरता है और तनाव कम होता है। अगर समय नहीं मिलता तो घर में ही स्ट्रेचिंग या हल्की एक्सरसाइज़ कर सकते हैं – बस हर घंटे में पांच मिनट उठें और शरीर को घुमाएँ।
नींद भी उतनी ही जरूरी है जितना भोजन। 7‑8 घंटे की अच्छी नींद न केवल थकान दूर करती है, बल्कि हॉर्मोन बैलेंस बनाये रखती है जिससे मोटापा या डायबिटीज जैसी बीमारी का जोखिम घटता है। सोने से पहले मोबाइल स्क्रीन बंद रखें और एक आरामदायक रूटीन बनाएँ – जैसे किताब पढ़ना या हल्का संगीत सुनना।
अंत में, तनाव को कम करने के लिए गहरी साँसें लेना, ध्यान लगाना या बस अपने पसंदीदा शौक में समय बिताना फायदेमंद है। जब मन शांत रहता है तो शरीर भी स्वस्थ रहता है। इन छोटे‑छोटे बदलावों से आप अपना स्वास्थ्य बेहतर बना सकते हैं और बीमारियों को दूर रख सकते हैं।
केरल में निपाह वायरस के कारण एक 14 वर्षीय किशोर की मृत्यु हो गई है। राज्य में 60 उच्च जोखिम मामले पहचाने गए हैं। संक्रमित किशोर को कोझिकोड के सरकारी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने संपर्क ट्रेसिंग शुरू करने की बात कही है। उच्च जोखिम संपर्कों को अलग-थलग कर उनके नमूने परीक्षण के लिए भेजे गए हैं। (आगे पढ़ें)