जब आप क्रिकेट देख रहे होते हैं तो अक्सर सुनते हैं ‘पावरप्ले’ शब्द. असल में इसका मतलब शुरुआती ओवरों में फील्डिंग प्रतिबंध और बैट्समैन को ज्यादा स्कोर करने का मौका है. इस टैग पर हम आपको बतायेंगे कि पावरप्ले कब आता है, कैसे इस्तेमाल किया जाता है और Dream11 जैसी फ़ैंटेसी लीग में इसे कैसे फायदा उठाया जाये.
ODI में पहले 10 ओवर (पहला पावरप्ले), T20 में पहले 6 ओवर होते हैं. इन ओवरों में फील्डर्स की संख्या सीमित होती है, आमतौर पर दो या तीन ही फील्डर सीमा के बाहर हो सकते हैं. इसका मतलब बैट्समैन को बाउंड्री मारना आसान होता है और स्कोरिंग रेट तेज़ बढ़ता है. दूसरे पावरप्ले (ODI में 11‑40 ओवर, T20 में 7‑15) में फील्डर्स की सीमा थोड़ा ढीली रहती है, पर फिर भी कुछ फील्डर बाहर रह सकते हैं.
इन नियमों को जानकर आप मैच का प्रवाह पढ़ सकते हैं – कब टीम तेज़ स्कोर करेगी और कब रक्षात्मक खेलेगी. अगर पिच धीमी है तो पहला पावरप्ले कम स्कोर देता है, लेकिन दूसरे में तेज़ी आ सकती है जब बैट्समैन सेट हो जाते हैं.
फ़ैंटेसी गेम में पावरप्ले को समझना आपके पॉइंट्स बढ़ाने की कुंजी है. सबसे पहले मैच के टॉस और टीम चयन देखें – अगर कोई ओपनर या तेज़ हिट करने वाला खिलाड़ी पहली 6‑10 ओवर में बैटिंग करता है तो उसे कैप्टन या वीकेशन पर रखना फायदेमंद होता है.
दूसरे पावरप्ले में वेबॉलर्स को देखें जिनकी इकॉनमी रेट कम हो. क्योंकि फ़ील्डिंग प्रतिबंध कम होते हैं, बॉलर का दांव बड़ा रहता है और विकेट लेने की संभावना बढ़ती है. इसलिए बॉलर को ‘आयरन’ या ‘ट्रेडर’ के रूप में रखना अक्सर सही रहता है.
एक और टिप: मौसम रिपोर्ट और पिच रिपोर्ट देखें. अगर पिच तेज़ ग्रीन टॉप दिखाती है तो पहला पावरप्ले में हाई स्कोर की उम्मीद रखें, इसलिए बैटर्स को उच्च रैंक पर रखें. अगर पिच धीमी और स्पिन‑फ्रेंडली हो तो दूसरे पावरप्ले में स्पिनर चुनें.
अंत में, हर पोस्ट को ध्यान से पढ़ें – हमारी साइट के ‘पावरप्ले’ टैग में AFG vs PAK, Wimbledon फाइनल आदि खेलों की ताज़ा रिपोर्ट भी है. इन लेखों में अक्सर पावरप्ले की विश्लेषण मिलती है जो आपको लाइव मैच देखते समय तुरंत निर्णय लेने में मदद करेगी.
तो अगली बार जब आप किसी क्रिकेट या फ़ैंटेसी मैच के सामने हों, तो इस गाइड को याद रखें. नियम जानें, टीम चुनें और पावरप्ले का सही इस्तेमाल करके स्कोर भी बढ़ाएँ और पॉइंट्स भी.
लेख में भारतीय स्पिनर अक्षर पटेल की पावरप्ले ओवर्स में इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट मैच में उनकी रणनीति पर चर्चा की गई है। अक्षर की योजना इंग्लिश बल्लेबाजों को बिना कुछ असाधारण किए परेशान करने की है। (आगे पढ़ें)