अगर आप क्रिकेट फैन हैं तो पैट कमिंस का नाम सुनते ही दिमाग में तेज़ गेंदबाज़ी और कैप्टनशिप आती है। पिछले कुछ महीनों में उनका खेल कई बार चर्चा में रहा – चोट से लेकर शानदार वापसी तक। इस लेख में हम उनके हाल के मैच, फिटनेस अपडेट और आगे की योजनाओं को आसान भाषा में देखेंगे।
कमिंस ने अभी‑ही हुए इंग्लैंड टेस्ट सीरीज़ में 5 विकेट लेकर टीम को जीत दिलाने में मदद की। उनका औसत लगभग 20 रन था, जो दिखाता है कि उन्होंने दबाव में भी कंट्रोल बना रखा। चोटों के बारे में बात करें तो पिछले साल का कंधे का इजाज़ा काफी परेशान कर रहा था, लेकिन अब रिहैब पर डॉक्टर ने ‘फिट’ घोषित किया है। इसका मतलब है कि आने वाले एशिया कप और ऑस्ट्रेलियाई घरेलू सीज़न में वह पूरी ताकत से खेलेंगे।
अगले महीने भारत के खिलाफ एक-डे अंतरराष्ट्रीय (ODI) होगा, जहाँ कमिंस को नई गेंदबाज़ी रणनीति अपनानी पड़ सकती है। टीम ने बताया है कि वे पहले ओवर में स्पिन और फिर तेज़ बॉलर की जोड़ी का इस्तेमाल करेंगे, इसलिए कमिंस को साइड‑स्पीड या स्विंग दोनों पर काम करना पड़ेगा। अगर आप उनके पिछले मैच देखे हैं तो पता चलेगा कि उनका डिलिवरी एंगल बदलने से बल्लेबाज अक्सर गड़बड़ होते हैं।
कप्तान के तौर पर उनकी माइंडसेट भी काफी प्रभावशाली है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा था, "हर मैच को अलग ढंग से देखना चाहिए, लेकिन टीम की एकजुटता हमेशा पहले रखनी चाहिए"। इससे युवा खिलाड़ियों को भरोसा मिलता है और टीम का माहौल सकारात्मक रहता है।
यदि आप कमिंस के फैन हैं तो सोशल मीडिया पर उनके फिटनेस रूटीन या प्रैक्टिस सेशन देख सकते हैं, लेकिन सबसे बेहतरीन तरीका है मैच लाइव देखकर उनका खेल समझना। अगली बार जब वह वॉकऑफ़ करेंगे, तो ध्यान दें कि वे कैसे बॉल की गति और लाइन को बदलते हैं – यही उनकी असली ताकत है।
संक्षेप में कहा जाए तो पैट कमिंस अब पूरी तरह से फिट है, उनके पास गेंदबाज़ी और कप्तान दोनों का अनुभव है, और आने वाले अंतरराष्ट्रीय कैलेंडर में उनका योगदान काफी महत्वपूर्ण रहेगा। चाहे आप क्रिकेट के दीवाने हों या सिर्फ़ मजे के लिए देखते हों, कमिंस की हर बॉल एक नई कहानी सुनाएगी।
मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर खेली जा रही भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चौथे टेस्ट मैच के दौरान, पैट कमिंस का तीसरे अंपायर के फैसले को लेकर विवाद हुआ। पैट कमिंस ने मोहम्मद सिराज को गेंदबाजी की, जहां एक कैच का दावा किया गया, लेकिन तीसरे अंपायर ने आउट नहीं दिया। इस पर कमिंस ने रिव्यू की मांग की, लेकिन अंपायरों ने इसे संभव नहीं बताया, जिससे DRS प्रणाली की सीमाओं पर चर्चा शुरू हुई। (आगे पढ़ें)