हेलो दोस्तों! अगर आप इज़राइल की हालिया खबरों में रुचि रखते हैं, तो सही जगह पर आए हैं. हम आपको देश के शैक्षणिक कदम, तकनीकी प्रगति और कुछ अंतरराष्ट्रीय घटनाओं का सार बताएँगे, वो भी आसान भाषा में.
इज़राइल ने अपने विश्वविद्यालयों को ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर ले जाना शुरू किया है. टेल‑अविव (Tel-Aviv) यूनिवर्सिटी अब मुफ्त MOOCs दे रहा है, जिसमें डेटा साइंस और बायोइंजीनियरिंग के कोर्स शामिल हैं. ये कोर्स खासकर भारतीय छात्रों को आकर्षित कर रहे हैं क्योंकि इन्हें हिंदी सबटाइटल्स के साथ भी उपलब्ध कराया गया है. इसके अलावा, इज़राइल की एजुकेशन फ़ाउंडेशन ने भारत में कुछ कॉलेजों के साथ मिलकर दो‑सत्रीय वर्कशॉप शुरू किया है – जिसमें AI और सस्टेनेबिलिटी पर चर्चा होगी.
इज़राइल को अक्सर ‘स्टार्ट‑अप नेशन’ कहा जाता है, और यह सही है. इस साल देश के 500 से अधिक नई टेक फर्म्स ने फंडिंग ली है. खास बात ये है कि उनमें से कई हेल्थकेयर AI पर काम कर रही हैं, जो दूरस्थ शिक्षा में भी मददगार हो सकती हैं – जैसे वर्चुअल लैब सिमुलेशन. भारतीय edtech कंपनियों ने इन स्टार्ट‑अप्स के साथ साझेदारी की घोषणा की है, ताकि छात्रों को इंटरैक्टिव लर्निंग टूल्स मिल सके.
सुरक्षा कारणों से इज़राइल में कई विश्वविद्यालयों ने कैंपस सुरक्षा बढ़ा दी है. यह बदलाव विदेशियों और भारतीय छात्रों को भी प्रभावित करता है, क्योंकि अब वे अधिक सुरक्षित वातावरण में पढ़ाई कर सकते हैं. हाल ही में, दि हिब्रू यूनिवर्सिटी ने एक अंतरराष्ट्रीय छात्रवृत्ति योजना शुरू की, जिसमें ट्यूशन फ्री और रहने का खर्च भी कवर होता है.
इज़राइल‑फ़िलिस्तीन विवाद के चलते कभी‑कभी छात्र प्रदर्शन होते हैं. हाल में दो बड़े विश्वविद्यालयों में छात्रों ने शांति आंदोलन किया, जिससे पढ़ाई पर थोड़ी रुकावट आई. लेकिन प्रशासन ने जल्दी ही ऑनलाइन क्लासेस का विकल्प दिया, ताकि पढ़ाई निरंतर रहे.
तो दोस्तों, इज़राइल की खबरें सिर्फ राजनीति या सुरक्षा तक सीमित नहीं हैं – यहाँ शिक्षा और टेक दोनों में नई ऊर्जा है. अगर आप इस क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं या बस अपडेट रहना पसंद करते हैं, तो इन विकासों को फॉलो करना फायदेमंद रहेगा.
इजरायल ने बेरूत पर बड़ा हमला किया, जिसमें हिज़बुल्लाह के नेता हसन नसरल्लाह की हत्या हुई। यह हमला शनिवार सुबह हुआ और इसे इजरायली सैन्य अधिकारियों ने पुष्टि की है। इस घटना से इजरायल और हिज़बुल्लाह के बीच तनाव और बढ़ने की संभावना है। हसन नसरल्लाह 1992 से हिज़बुल्लाह का नेतृत्व कर रहे थे। (आगे पढ़ें)