आपको बैंकिंग की दुनिया में रोज़ कुछ नया सुनने को मिलता है—चाहे वो नई नीति हो या डिजिटल पेमेंट का ट्रेंड। इस पेज पर हम सबसे ताज़ा खबरें, आसान समझ और व्यावहारिक सलाह देंगे ताकि आप अपने पैसे को सुरक्षित रख सकें और बेहतर सेवाओं से लाभ उठा सकें।
सरकार ने अभी घोषणा की है कि 2000 रुपये से कम के UPI ट्रांजैक्शन पर GST नहीं लगेगा। यह कदम डिजिटल भुगतान को और तेज़ बनाता है, क्योंकि छोटे लेन‑देनों में अब अतिरिक्त टैक्स का बोझ नहीं रहेगा। साथ ही, कई बड़े बैंकों ने अपने मोबाइल ऐप्स में नई सुरक्षा फीचर जोड़े हैं—फिंगरप्रिंट या फेस आईडी से लॉगिन अब ज़्यादा सुरक्षित हो गया है।
वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट बताती है कि इस साल भारतीय शेयर बाजार में बैंक स्टॉक्स ने 12% तक बढ़ोतरी देखी। इसका कारण मुख्य रूप से तेज़ कर्ज पुनर्गठन और एग्रीकल्चर सेक्टर को दी गई नई क्रेडिट लाइनें हैं। अगर आप निवेश पर विचार कर रहे हैं, तो इन बैंकों के प्रदर्शन को देखते हुए फ़ॉलो‑अप करना समझदारी होगी।
डिजिटल पेमेंट अब सिर्फ UPI तक सीमित नहीं रहा; QR‑कोड, वॉलेट, और NFC जैसी तकनीकें भी रोज़मर्रा की खरीद में जगह बना रही हैं। कई बैंकों ने “स्मार्ट सविंग्स” फीचर लॉन्च किया है जो आपके खर्च को ट्रैक करके बचत के सुझाव देता है। आप अपने खाते से जुड़ी लक्ष्य‑आधारित योजनाओं को सेट कर सकते हैं और हर महीने का एक छोटा हिस्सा अलग रख सकते हैं—बिना किसी जटिल फॉर्मूले के.
भविष्य की बात करें तो AI‑सहायता वाले चैटबॉट्स जल्द ही कस्टमर सर्विस का नया चेहरा बनेंगे। अब आप सिर्फ कुछ शब्दों में अपना खाता बैलेंस, ट्रांजैक्शन हिस्ट्री या नई लोन ऑफर के बारे में जानकारी पा सकते हैं। साथ ही, ब्लॉकचेन तकनीक को लेकर बैंकों की कोशिशें तेज़ी से बढ़ रही हैं; यह डेटा सुरक्षा और ट्रांसफ़र स्पीड दोनों को बेहतर बनाएगा.
अगर आप अभी भी पारंपरिक शाखा‑आधारित बैंकिंग पर भरोसा करते हैं, तो थोड़ा बदलाव अपनाना फायदेमंद रहेगा। मोबाइल ऐप के ज़रीए स्टेटमेंट देखना, रिमाइंडर सेट करना या ऑनलाइन फ़ॉर्म भरकर कोई सेवा लेना अब बहुत आसान है। छोटे-छोटे कदम आपके समय और पैसे दोनों बचा सकते हैं.
समाप्ति में यह कहूँगा—बैंकिंग का क्षेत्र तेज़ी से बदल रहा है, और नई नीतियां, तकनीकी सुधार और ग्राहक‑केन्द्रित सेवाएं इसका हिस्सा बन रही हैं। इन बदलावों को समझकर आप बेहतर वित्तीय निर्णय ले सकते हैं और अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत बना सकते हैं।
हाल में भारत और रूस के 90% व्यापार का संचालन स्थानीय या वैकल्पिक मुद्राओं में हो रहा है। रूस के उप प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव ने इसमें बैंकिंग संबंधों के विस्तार की आवश्यकता पर जोर दिया। भारतीय रिजर्व बैंक ने जुलाई 2022 में रूपयों में व्यापार की सुविधा दी थी। यह कदम रूस के स्विफ्ट से बाहर होने के कारण किया गया। व्यापार असंतुलन को दूर करने के लिए देशों के बीच विविधता लाने पर भी चर्चा हुई। (आगे पढ़ें)