ममता बनर्जी ने रैप-मर्डर पर कर अस्पताल में आंदोलनकारी डॉक्टरों से की मुलाक़ात

घरममता बनर्जी ने रैप-मर्डर पर कर अस्पताल में आंदोलनकारी डॉक्टरों से की मुलाक़ात

ममता बनर्जी ने रैप-मर्डर पर कर अस्पताल में आंदोलनकारी डॉक्टरों से की मुलाक़ात

ममता बनर्जी ने रैप-मर्डर पर कर अस्पताल में आंदोलनकारी डॉक्टरों से की मुलाक़ात

  • Ratna Muslimah
  • 14 सितंबर 2024
  • 15

ममता बनर्जी ने आंदोलनकारी डॉक्टरों से की मुलाक़ात

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल ही में कोलकाता स्थित आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक प्रशिक्षु डॉक्टर के बलात्कार और हत्या की घटना के बाद आंदोलन कर रहे जूनियर डॉक्टरों से संवाद करने हेतु एक आश्चर्यजनक दौरा किया। इस दौरे के दौरान उन्होंने डॉक्टरों की समस्याओं और सुरक्षा से संबंधित मांगों को सुना। ममता ने डॉक्टरों को भरोसा दिलाया कि उनकी मांगे सुनी जाएंगी और समस्या का समाधान निकाला जाएगा।

डॉक्टरों के सुरक्षा की चिंता

प्रशिक्षु डॉक्टर की दर्दनाक घटना के बाद से जूनियर डॉक्टरों ने सुरक्षा की मांग को लेकर प्रदर्शन किया है। उनका कहना है कि अस्पतालों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होने चाहिए ताकि ऐसी घटनाएं न हो। इसके साथ ही उन्होंने राज्य सरकार से अपेक्षा की कि इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

ममता का आश्वासन

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आंदोलनकारियों से संवाद करते हुए खुद को उनकी दीदी बताते हुए कहा कि वे उनकी समस्याओं को हल करने के लिए आई हैं और यह उनकी प्राथमिकता है। ममता ने यह भी कहा कि उन्होंने आंदोलनों की वजह से रातभर नींद नहीं ली और इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए तत्पर हैं।

अस्पतालों में सुरक्षा सुधार

बनर्जी ने राज्य में सभी राज्य सरकारी अस्पतालों के रोगी कल्याण समितियों को तुरंत भंग करने और सुरक्षा के लिए नए दिशा-निर्देश जारी करने का आदेश दिया। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने का वादा किया कि सुरक्षा उपायों में कोई चूक न हो और अस्पतालों में सीसीटीवी कैमरे और सुरक्षा कर्मियों की संख्या में वृद्धि की जाएगी।

डॉक्टरों की मांगें

डॉक्टरों ने मांग की है कि अस्पताल के अंदर और बाहर सुरक्षा को मजबूत किया जाए, साथ ही मुख्य अधिकारियों को हटाया जाए जिन्होंने सुरक्षा में चूक की। वे चाहते हैं कि इस घटना से संबंधित सभी दोषियों को कोर्ट के सामने लाया जाए और सख्त सजा दी जाए।

विविध माँगें

प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों ने सुरक्षा के अलावा अन्य सुविधाओं की भी मांग की है जैसे कि बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं, डॉक्टर्स लिए वेलफेयर स्कीम्स और मेडिकल स्टाफ की ट्रेनिंग को बेहतर बनाना। उनका कहना है कि जब तक ये सभी मांगे पूरी नहीं की जाती, तब तक वे अपने प्रदर्शन को जारी रखेंगे।

ममता का सरकार के प्रति धारणा

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की जनता के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी निभाने की प्रतिबद्धता ने डॉक्टरों को आश्वासन दिया है कि वे उनके साथ हैं। उन्होंने सुरक्षा और अन्य सुविधाओं को सुधारने के लिए जल्दी कदम उठाने का वादा किया है।

संभावित समाधान

ममता बनर्जी के इस कदम से न केवल डॉक्टरों को अपनी मांगों को सरकार तक पहुँचाने का अवसर मिला बल्कि एक सशक्त संदेश भी गया कि सरकार उनके साथ है और इस समस्या को गंभीरता से ले रही है। अब देखने की बात होगी कि इस घटनाक्रम के बाद डॉक्टरों को कितनी संतुष्टि मिलती है और कितनी जल्दी उनकी मांगें पूरी की जाती हैं।

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Ratna Muslimah

Ratna Muslimah

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मैं एक न्यूज विशेषज्ञ हूँ और मैं दैनिक समाचार भारत के बारे में लिखना पसंद करती हूँ। मेरे लेखन में सत्यता और ताजगी को प्रमुखता मिलती है। जनता को महत्वपूर्ण जानकारी देने का मेरा प्रयास रहता है।

टिप्पणि (15)
  • Ranjani Sridharan
    Ranjani Sridharan 15 सितंबर 2024
    ये सरकार तो हमेशा बोलती है सुन लेंगे... पर कभी कुछ नहीं होता। डॉक्टरों को बचाने की बात हो रही है, पर अस्पतालों में गैस लाइन भी नहीं चलती। अब तो लोग डर के मारे डॉक्टर बनने से भी डर रहे हैं।
  • Vikas Rajpurohit
    Vikas Rajpurohit 16 सितंबर 2024
    ये सब बस चुनावी नाटक है। 🤡 ममता बनर्जी के पास तो बस ट्वीट करने का जुनून है। अस्पतालों में CCTV लगाने की बात कर रही हैं? बस एक बार देखो कि वहां के अधिकारी कितने बदले हैं पिछले 5 साल में? नहीं न? 😒 क्योंकि सब एक ही गिरोह है।
  • Nandini Rawal
    Nandini Rawal 17 सितंबर 2024
    डॉक्टरों की सुरक्षा बहुत जरूरी है। ये लोग रात में अकेले वार्ड में जाते हैं, कोई गार्ड नहीं। इसका जवाब सिर्फ बयान नहीं, एक्शन चाहिए।
  • Himanshu Tyagi
    Himanshu Tyagi 19 सितंबर 2024
    इस घटना के बाद डॉक्टरों का आंदोलन बिल्कुल सही था। लेकिन सरकार के वादों पर भरोसा करना भी जरूरी नहीं। अगर वे सच में चाहती हैं कि डॉक्टर सुरक्षित रहें, तो पहले राज्य स्तर पर एक अलग सुरक्षा ब्यूरो बनाएं। जिसमें नियमित ऑडिट हो। बस बयान नहीं, रिपोर्ट चाहिए।
  • Shailendra Soni
    Shailendra Soni 21 सितंबर 2024
    क्या आपने कभी देखा है कि एक डॉक्टर की ड्यूटी कैसे होती है? 36 घंटे लगातार... और फिर वो घर जाएगा तो उसकी बेटी उसे डर के मारे छूएगी? ये नहीं कि सुरक्षा बढ़ाएं, ये तो समाज का इंसानियत बचाना है।
  • Sujit Ghosh
    Sujit Ghosh 23 सितंबर 2024
    अरे भाई, ये सब तो बंगाली लोगों की आदत है। हर चीज़ पर आंदोलन। अगर अस्पताल में सुरक्षा नहीं है तो डॉक्टर खुद एक टॉर्च लेकर चले जाएं। ये देश का इतिहास है, हर कोई दूसरे को जिम्मेदार ठहराता है। अपने आप को बदलो, फिर देखो क्या होता है।
  • sandhya jain
    sandhya jain 23 सितंबर 2024
    हर एक डॉक्टर एक अनुशासन का प्रतीक है। वो जो रात को एक बच्चे की सांस लेने के लिए लड़ता है, वो जो अपनी नींद छोड़कर एक अजनबी की जान बचाता है... वो इंसान अगर अपने अस्पताल में डर के मारे घुटने टेक रहा है, तो ये देश का अंतिम लक्षण है। हम सब यहीं जिंदा हैं क्योंकि वो लोग रात भर जागते हैं। लेकिन क्या हम उनकी रात की नींद के लिए एक भी बात नहीं करते? ये तो बस एक भावना नहीं, ये तो एक अधिकार है।
  • Anupam Sood
    Anupam Sood 24 सितंबर 2024
    अरे यार इतना बड़ा बयान दिया और फिर क्या? कोई नहीं जानता। ममता बनर्जी की बातें तो बादलों में उड़ जाती हैं। जब तक अस्पतालों में काम करने वाले गार्ड्स की तनख्वाह नहीं बढ़ी, तब तक कोई सुरक्षा नहीं होगी। और जो बच्चा इस घटना में मारा गया... उसकी मां का दर्द कौन सुनेगा? 😔
  • Shriya Prasad
    Shriya Prasad 26 सितंबर 2024
    सुरक्षा बढ़ाना जरूरी है। लेकिन डॉक्टरों को भी अपनी जिम्मेदारी याद रखनी चाहिए।
  • Balaji T
    Balaji T 27 सितंबर 2024
    यह घटना एक अपराध है, लेकिन इसे राजनीतिक लाभ के लिए उपयोग करना एक नाजुक अनुचित व्यवहार है। न्याय की प्रक्रिया को विकृत करना अस्वीकार्य है।
  • Nishu Sharma
    Nishu Sharma 28 सितंबर 2024
    मैं एक नर्स हूं और ये सब बहुत दर्दनाक है। हमारे अस्पताल में तो लाइट भी कभी-कभी बंद हो जाती है रात को। गार्ड्स के पास टॉर्च नहीं होती। एक बार एक बीमार आदमी गिरा और हमें लगभग आधी रात तक उसे ढूंढना पड़ा। कोई ने नहीं देखा। अब तो हम भी डर रहे हैं। बस बयान नहीं, असली बदलाव चाहिए।
  • Shraddha Tomar
    Shraddha Tomar 29 सितंबर 2024
    ये सब एक सिस्टम का फेलियर है। सुरक्षा नहीं, ये तो इंसानियत का फेलियर है। हम अपने डॉक्टर्स को बचाने के लिए एक नए एथिक्स बुक नहीं चाहिए, हमें एक नया सोचने का तरीका चाहिए। जब तक हम एक डॉक्टर को एक इंसान नहीं मानेंगे, तब तक ये घटनाएं दोहराई जाएंगी। ये नहीं कि हम उनके लिए बाहर जाएं, बल्कि हम उनके अंदर जाएं।
  • Priya Kanodia
    Priya Kanodia 30 सितंबर 2024
    क्या आपने सोचा है कि ये सब किसके लिए है? क्या ये सिर्फ डॉक्टरों के लिए है? या ये एक नियोजित रणनीति है जिसके तहत सरकार को नियंत्रण छीनने की कोशिश की जा रही है? क्योंकि जब अस्पताल बंद हो जाते हैं, तो लोग डर जाते हैं... और डर के मारे वो कुछ भी मान लेते हैं।
  • Darshan kumawat
    Darshan kumawat 1 अक्तूबर 2024
    ये सब बस धोखा है। ममता बनर्जी के पास कोई विकल्प नहीं था। अगर वो नहीं आती तो लोग उसके खिलाफ आंदोलन करते। अब बस इंतजार है... अगले दिन ये सब भूल जाएंगे।
  • Manjit Kaur
    Manjit Kaur 2 अक्तूबर 2024
    बयान देना आसान है। काम करना मुश्किल। डॉक्टरों को बचाना है तो गार्ड बढ़ाओ। बस इतना। और जिम्मेदारों को निकाल दो। बाकी सब बकवास है।
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