आपने कभी सोचा है कि दरगाहों में रखी प्रतिमाओं को हटाना किस कारण से होता है? अक्सर यह कदम धार्मिक या सामाजिक बदलावों का संकेत देता है। इस टैग पेज पर हम ऐसे ही घटनाओं के पीछे की वजह, इतिहास और आज की स्थितियों को सरल भाषा में समझाते हैं। पढ़ते रहें तो आपको पता चलेगा कि ये विसर्जन सिर्फ एक खबर नहीं, बल्कि बड़े सांस्कृतिक परिवर्तन की झलक है।
दरगाहों का इतिहास भारत में सदीयों तक चलता आया है। इन जगहों पर रखी मूर्तियों को अक्सर स्थानीय समुदाय या शासकों ने धार्मिक भावना के साथ स्थापित किया था। समय बदलता है, लोगों की सोच भी बदलती है, और कभी‑कभी पुराने प्रतीकों को हटाकर नई शुरुआत की जाती है। यह प्रक्रिया सामाजिक समरसता, आयुर्वेदिक सिद्धांतों या भूमि पुनःवितरण से जुड़ी हो सकती है। इस भाग में हम उन प्रमुख घटनाओं का उल्लेख करेंगे जहाँ प्रतिमाएँ विसर्जित हुईं और उनके बाद क्या बदलाव आए।
इस टैग के तहत आपको आज की ताज़ा ख़बरें मिलेंगी—जैसे किसी शहर में दरगाह की बड़ी मूर्ति को हटाने का फैसला, या सरकारी आदेश से कुछ प्रतिमाएँ सुरक्षित जगह पर ले जाई गईं। हर लेख में हम बताते हैं कौन‑सी संस्था जुड़ी है, क्यों हुआ यह कदम और जनता ने कैसे प्रतिक्रिया दी। अगर आप स्थानीय समाचार चाहते हैं तो यहाँ क्लिक कर सकते हैं, जहाँ प्रत्येक पोस्ट में प्रमुख बिंदु जल्दी पढ़ने लायक रूप में दिए गये हैं।
हमारा मकसद केवल खबरें देना नहीं, बल्कि आपको समझाना है कि इन घटनाओं का असर समाज पर कैसे पड़ता है। आप इस पेज से जुड़ी विशिष्ट पोस्ट देख सकते हैं—जैसे सरकारी नोटिफिकेशन, सामुदायिक बहस या विशेषज्ञों के विचार। इससे आप खुद भी राय बना पाएँगे और अगर चाहें तो चर्चा में भाग ले सकते हैं।
अंत में याद रखें कि दरगाह प्रतिमा विसर्जन सिर्फ एक घटना नहीं, बल्कि हमारे सामाजिक ताने‑बाने का हिस्सा है। इस टैग पेज को बुकमार्क करें ताकि हर नई अपडेट आप तक तुरंत पहुँचे और आप हमेशा सूचित रहें।
उत्तर प्रदेश के बहराइच में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुई हिंसा के बाद पुलिस ने मुठभेड़ में पांच संदिग्धों को गिरफ्तार किया, जिनमें से दो को गोली लगी। हिंसा में राम गोपाल मिश्रा की मौत हो गई, जिसके चलते क्षेत्र में मोबाइल इंटरनेट और ब्रॉडबैंड सेवाएं बंद कर दी गई हैं। स्थिति को काबू में लाने के लिए पुलिस बल तैनात है और सरकार स्थिति पर नजर रख रही है। (आगे पढ़ें)