IMD का दिल्ली-एनसीआर के लिए कड़ा अलर्ट
देश की राजधानी दिल्ली मौसम को लेकर भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने 24 मई के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। ये अलर्ट हल्के-फुल्के नहीं, बल्कि गंभीर चेतावनी है, जिसमें तेज़ आंधी, गरज के साथ भारी बारिश और 50 किलोमीटर प्रतिघंटा तक की तेज़ हवाओं की भविष्यवाणी की गई है। सिर्फ बारिश या गर्मी से राहत नहीं, इस बार नुकसान की आशंका भी जताई गई है। गुरुवार रात की बारिश में कई जगह पेड़ गिरने की खबरें आईं और बिजली के तारों को नुकसान भी पहुंचा। इन हालातों के बीच टाटा पावर डीडीएल ने कई इलाकों में सुरक्षा के लिए अस्थायी तौर पर बिजली सप्लाई रोक दी, ताकि कोई करंट से हताहत न हो।
लोगों को सलाह दी जा रही है कि मौसम संबंधी सभी अपडेट ध्यान से सुने और खासकर शाम के वक्त खुले इलाकों में रहने से बचें, जब कभी भी तूफानी हवा की रफ्तार बढ़ सकती है। IMD के मुताबिक, इस मौसमी बदलाव के बाद एक राहत भरी ठंडक महसूस की जाएगी। 24 मई को अधिकतम तापमान 36-38 डिग्री सेल्सियस तक रहेगा, जो इस मौसम के औसत से कम है। रात का पारा 25-27 डिग्री के बीच रहने की उम्मीद है। भारी बारिश और तेज़ हवाओं के कारण गर्मी अचानक से गायब हो जाएगी, जिससे लोगों को सांस लेने की असली राहत मिलेगी।
आगे के दिन: तापमान फिर धीरे-धीरे बढ़ेगा
IMD की जारी एडवाइजरी में बताया गया है कि 25 मई को दिन में बादल छाए रहेंगे और कहीं-कहीं गरज के साथ हल्की बारिश हो सकती है। आसमान का रंग बदलेगा और मौसम में उमस-ठंडक की अजब जुगलबंदी दिखेगी। हालांकि, उसी दिन से तापमान का ग्राफ देने-देने लगेगा। 26 मई को हवा की दिशा दक्षिण-पूर्व से दक्षिण की ओर धीमे-धीमे शिफ्ट हो जाएगी और पारा 39 से 41 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ने लगेगा। यानी राहत भले मिली हो, लेकिन यह बहुत देर तक टिकने वाली नहीं है।
मौसम विभाग ने और ज्यादा एहतियात बरतने की बात कही है, खासकर उन इलाकों में जहां पेड़ या पुराने खंभे टूट सकते हैं। जिनके घरों के आसपास खुले तार हैं या बिल्डिंगों की छत कमजोर है, वो सतर्क रहें। IMD की वेबसाइट या मोबाइल ऐप पर लगातार अलर्ट चेक करते रहें, ताकि बारिश या तेज़ हवाओं के दौरान आप फंसे न रहें या किसी भी तरह के हादसे का शिकार न हों।
जो लोग बाहर निकलने की सोच रहे हैं, उनके लिए सलाह है कि छाता, रेनकोट या बारिश में चलने के लिए जरूरी सामान साथ लेकर ही घर से निकलें। हल्की बारिश और धूलभरी आंधी से सड़कों पर फिसलन और विजिबिलिटी कम हो सकती है। स्कूल, ऑफिस या बाजार खुलने पर ट्रैफिक जाम भी आम हो सकता है, इसलिए वक्त से चलना ही समझदारी है।
- 24 मई – दिल्ली-एनसीआर में भारी आंधी, बारिश और 50 kmph तक तीव्र हवा।
- टाटा पॉवर DDL द्वारा सुरक्षा के लिए कुछ इलाकों में अस्थायी पावर कट।
- 24-25 मई को तापमान सामान्य से कम, राहतभरा मौसम।
- 26 मई से तापमान में धीरे-धीरे बढ़ोतरी और मौसम में फिर गर्मी की वापसी।
फिलहाल हर किसी की निगाहें IMD की ताजा चेतावनी पर टिकी हैं। बाहर की गतिविधियों को लेकर लगातार सावधानी की जरूरत है, क्योंकि बेमौसम की तेज़ आंधी अब महज अचानक आई मुसीबत नहीं, बल्कि गंभीर जान-माल के खतरे के रूप में सामने आ रही है। ऐसे में दिल्ली और उसके आसपास रहने वाले हर शख्स के लिए मौसम की हर छोटी-बड़ी अपडेट पर नजर रखना ही सबसे सुरक्षित विकल्प है।
बिजली कट गई तो फ्रिज में दूध खराब हो गया, अब दो दिन दही खा रही हूँ।
ये तो बस शुरुआत है भाई! 🌪️❄️🔥 IMD ने जो बोला वो सच है, लेकिन सरकार ने क्या किया? बिजली के तार तो 1980 के हैं, फिर भी रेड अलर्ट देते हैं! अगर तुम्हारा घर बरसात में डूब गया तो तुम्हारी गलती है, लेकिन अगर बिजली का खंभा गिरा तो ये सिस्टम की गलती है। अब तो बारिश के बाद गर्मी वापस आएगी, और हम फिर से पसीना बहाएंगे। ये चक्र तो बंद होना चाहिए! 😤
24 मई को तापमान 36-38°C है तो ये राहत है? हमारे घर में एयर कंडीशनर नहीं है, तो ये राहत का मतलब बस ये है कि तुम नहीं मरोगे। लेकिन जो लोग बाहर काम करते हैं, उनके लिए तो ये बर्बरता है। आजकल हर बारिश के बाद लोग बीमार हो रहे हैं - डेंगू, चिकनगुनिया, और अब ये आंधी के बाद फेफड़ों की समस्याएं। ये जो 'राहत' बोल रहे हैं, वो बस एक शब्द है।
इस बारिश और आंधी के बाद जो ठंडक मिली है, वो असली राहत नहीं है - वो बस एक तात्कालिक विराम है। जैसे जीवन में कभी-कभी दर्द का एक पल रुक जाता है, तो हम सोचते हैं कि सब ठीक हो गया। लेकिन अगले ही पल वही दर्द फिर से लौट आता है, अब और तेज़। ये मौसम भी ऐसा ही है। ये बदलाव हमारे लिए निशानी हैं कि पृथ्वी हमसे बोल रही है - लेकिन हम सुन नहीं पा रहे। हम तो सिर्फ बारिश के बाद एक बर्फ की चिप खाकर खुश हो जाते हैं, और फिर वापस अपने कार्बन फुटप्रिंट को बढ़ाते जाते हैं। अगर हम नहीं बदलेंगे, तो अगली बार राहत नहीं, बल्कि विनाश आएगा।
यार इतनी बारिश हुई तो भी मेरा फोन नहीं चल रहा 😭 चार्ज नहीं हो रहा क्योंकि बिजली गायब है... और लोग बोल रहे हैं 'राहत मिली'... राहत? मैं तो बिना व्हाट्सएप के 3 घंटे बिता रही हूँ 😂
इतनी बारिश हुई तो भी कोई चोर नहीं बरसा? हमारे गांव में तो पुराने खंभे गिरे, लेकिन बीच में एक बड़ा बॉस आया और बोला - 'ये तो नियमित मेन्टेनेंस का काम है, हमने तो बिजली बंद कर दी ताकि लोग बच जाएं'... बच गए? बचे तो जिनके पास बिजली का बैकअप है! जिनके पास बिजली नहीं थी, वो तो बस अंधेरे में बैठे रहे। ये सिस्टम तो बस दिखावा है। अब बारिश के बाद गर्मी वापस आएगी, और फिर से हम जलेंगे।
हमारे इलाके में तो बारिश के बाद गंदे पानी के तालाब बन गए और मच्छर आ गए लाखों... अब डेंगू के मरीज बढ़ गए हैं। टाटा पावर ने बिजली काटी तो अच्छा हुआ लेकिन अगर वो अपने तारों को अपग्रेड करते तो ऐसा नहीं होता। जो लोग बाहर काम करते हैं उनके लिए तो ये दिन बर्बाद हैं। बस एक चेतावनी देकर सब ठीक हो जाएगा? नहीं भाई, ये तो बस बातों का खेल है।
बारिश के बाद बाजार भी बंद हो गया, बच्चों के लिए दूध नहीं मिला।
ये मौसमी विकृति असल में क्लाइमेट चेंज का फल है - ये नहीं कि बारिश हुई या नहीं, बल्कि ये कि हमने जमीन को कितना नुकसान पहुंचाया है। अब जब तापमान 36°C हो तो राहत मान लिया जा रहा है, लेकिन अगर ये 45°C हो जाए तो? ये जो डेटा है, वो बस एक बुलेटिन है, असली समस्या तो वो है जो आंकड़ों में नहीं आती - बेघर लोग, बारिश में बच्चे, बिना पानी के बूढ़े। हम सब इस बारिश को एक टेम्पररी फिक्स समझ रहे हैं, लेकिन ये तो एक सिग्नल है कि हमारी जीवनशैली अब टिक नहीं रही।
अरे भाई ये तो बस एक बारिश है, अब तो हर साल ऐसा ही हो रहा है... बिजली कट गई तो फोन चार्ज नहीं हो रहा? तो बैटरी पावर बैंक ले लो ना 😴
मैंने देखा कि बारिश के बाद एक बूढ़े आदमी ने अपने घर के बाहर एक चारपाई बिछाई और बैठ गया। बिना किसी शिकायत के। उसकी आंखों में एक शांति थी... जैसे वो जानता हो कि ये बारिश उसके लिए एक अंतिम शांति है। शायद वो जानता हो कि अगली बार जब बारिश होगी, तो वो नहीं होगा।
यहाँ तक कि एक अलर्ट जारी करने के लिए भी एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर की आवश्यकता होती है, जिसे भारतीय मौसम विभाग द्वारा विकसित किया गया है। यह एक उच्च-गुणवत्ता वाली वैज्ञानिक अनुशासन की उपलब्धि है, जिसे नागरिकों द्वारा अवहेलना करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। इसके बाद के तापमान वृद्धि का विश्लेषण भी अत्यंत सूक्ष्म रूप से विकसित मॉडल्स द्वारा किया गया है।
बिजली आ गई तो फ्रिज चल गया... दूध बच गया। धन्यवाद।