अदानी समूह का बाजार पूंजीकरण फिर पहुंचा $200 अरब, कोयले के आरोपों का किया खंडन

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अदानी समूह का बाजार पूंजीकरण फिर पहुंचा $200 अरब, कोयले के आरोपों का किया खंडन

अदानी समूह का बाजार पूंजीकरण फिर पहुंचा $200 अरब, कोयले के आरोपों का किया खंडन

  • Ratna Muslimah
  • 23 मई 2024
  • 6

अदानी समूह का बाजार पूंजीकरण फिर पहुंचा $200 अरब

अदानी समूह ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर छू लिया है। समूह का बाजार पूंजीकरण फिर से $200 अरब (लगभग 16.9 लाख करोड़ रुपये) के रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गया है। यह उछाल समूह की सूचीबद्ध कंपनियों में 11,300 करोड़ रुपये की वृद्धि के बाद आया है। समूह के निवेशकों ने तमाम आरोपों के बावजूद अदानी समूह पर भरोसा जताया है।

कोयला आपूर्ति में गड़बड़ी के आरोप

हाल ही में लंदन स्थित 'फाइनेंशियल टाइम्स' और जॉर्ज सोरोस द्वारा समर्थित 'ऑर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट' (OCCRP) के दस्तावेजों के आधार पर अदानी समूह पर 2013 में तमिलनाडु पावर कंपनी को कम गुणवत्ता वाले कोयले को उच्च मूल्य का बताकर बेचने के आरोप लगाए गए थे।

आरोपों का खंडन

अदानी समूह ने इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। समूह ने कहा कि कोयले की गुणवत्ता सख्त मानकों पर परीक्षण किया गया था और तमिलनाडु जनरेशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी (Tangedco) तथा कस्टम अधिकारियों द्वारा भी इसकी पुष्टीकरण हुई थी। समूह ने इन आरोपों को 'निराधार' और 'पूरी तरह से अपमानजनक' कहा है।

विपक्ष की माँग

इन आरोपों के मद्देनजर विपक्षी नेता, विशेष रूप से राहुल गांधी, ने इन दावों की जांच एक संयुक्त संसदीय समिति (JPC) द्वारा कराने की मांग की है। वे यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि अगर कोई अनियमितता हुई है तो उसे उजागर किया जाए और दोषियों पर कार्रवाई हो।

मौजूदा स्थिति

बावजूद इसके, अदानी समूह के स्टॉक्स पर इन आरोपों का कोई खास असर नहीं पड़ा। वास्तव में, समूह के बाजार पूंजीकरण में पिछले साल की तुलना में 56.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि इस दौरान निफ्टी ने 23.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। इस उछाल ने यह स्पष्ट किया है कि निवेशकों का समूह पर लगातार भरोसा बना हुआ है और वे अपने निवेश के प्रति सकारात्मक नजरिया रखते हैं।

कोयले की गुणवत्ता की सुनिश्चितता

कोयले की गुणवत्ता की सुनिश्चितता

अदानी समूह ने कहा कि कोयले की गुणवत्ता कई बिंदुओं पर स्वतंत्र रूप से परीक्षण की गई थी जिसमें कस्टम अधिकारी और तमिलनाडु जनरेशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी (Tangedco) के अधिकारियों द्वारा भी पुष्टि की गई थी। यह सुनिश्चित किया गया था कि दर्शाये गए गुणवत्ता मानक पूरे हो रहे हैं और कोई भी धोखाधड़ी या अनियमितता नहीं की गई है।

कंपनी का विश्वास

समूह ने यह भी कहा कि वे एक जिम्मेदार और पारदर्शी कंपनी हैं जोकि अपने ग्राहकों और निवेशकों के साथ ईमानदारी और पारदर्शिता में विश्वास करती है। अदानी समूह ने कहा कि उन्होंने हमेशा उच्चतम मानकों का पालन किया है और आने वाले समय में भी वे अपने कारोबार में इन्हें बरकरार रखेंगे।

भविष्य की योजनाएँ

अदानी समूह की भविष्य की योजनाएँ भी गर्व करने योग्य हैं। समूह ने ऊर्जा, ट्रांसपोर्ट और इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्रों में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए नई निवेश योजनाओं की घोषणा की है। वे अपने व्यापार विस्तार के साथ-साथ पर्यावरणीय स्थिरता पर भी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।

आर्थिक विशेषज्ञों की राय

आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि अदानी समूह का यह उछाल भारतीय कारोबार जगत के लिए महत्वपूर्ण है। यह उछाल न केवल समूह के लिए बल्कि भारतीय बाजार के लिए भी सकारात्मक संकेत देता है। विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि कोयला आपूर्ति में आरोपों के बावजूद समूह की कंपनियों की वित्तीय स्थिति और निवेशकों का विश्वास दृढ़ है।

निवेशकों का नजरिया

निवेशकों का नजरिया

सभी आरोपों के बावजूद अदानी समूह पर निवेशकों का भरोसा नहीं डगमगाया है। समूह की कंपनियों की बाजार पूंजीकरण में उछाल इस बात का प्रमाण है कि निवेशक कंपनी की पारदर्शिता और व्यवसायिक नीतियों पर विश्वास करते हैं।

समाप्ति

अदानी समूह द्वारा किए गए खंडन और उनके निवेशकों का विश्वास इस बात का प्रमाण है कि भारतीय कॉरपोरेट जगत में अदानी समूह की स्थिति मजबूत है। आरोपों के बावजूद, समूह ने अपनी पारदर्शिता और ईमानदारी को साबित किया है। आगे देखने वाली बात यह होगी कि इन आरोपों की जांच कैसे आगे बढ़ती है और उसका अदानी समूह के सामने क्या प्रभाव पड़ता है।इतने बड़े बाजार पूंजीकरण के बाद भी अदानी समूह अपने व्यापार और पर्यावरण के सिधांतों के प्रति सजग बना हुआ है।

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Ratna Muslimah

Ratna Muslimah

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मैं एक न्यूज विशेषज्ञ हूँ और मैं दैनिक समाचार भारत के बारे में लिखना पसंद करती हूँ। मेरे लेखन में सत्यता और ताजगी को प्रमुखता मिलती है। जनता को महत्वपूर्ण जानकारी देने का मेरा प्रयास रहता है।

टिप्पणि (6)
  • Anupam Sood
    Anupam Sood 25 मई 2024
    yrr ye sab bhaiya ki kahani hai... $200 billion? bas ek number hai bhai, real mein kya chal raha hai? 🤡
  • Shriya Prasad
    Shriya Prasad 27 मई 2024
    yeh toh bas dikhawa hai. par chalo, stock up hai toh phir kya chahiye? 😌
  • sandhya jain
    sandhya jain 29 मई 2024
    dekho, jab tak hum log sirf price aur market cap dekhte hain, tab tak koi bhi corruption ki baat nahi karega. lekin agar hum sochenge ki ek coal shipment mein jo quality check hua, kya woh actually transparent tha? kya Tangedco ke reports ko kisi ne verify kiya ya sirf press release mein likh diya? yehi sawal hai. humein sirf success ki kahaniyan nahi, balki process ki bhi dekhni chahiye. kyun ki agar ek company ka trust sirf numbers par based hai, toh woh trust ek din mein khatam ho sakta hai. humein ek sustainable model chahiye, jahan transparency sirf PR ke liye nahi, balki system ke liye ho. aur agar koi bhi company apne stakeholders ke saath honesty ka commitment rakhti hai, toh uska growth naturally aayega - lekin agar hum sirf growth dekh rahe hain, toh hum apne future ko risk kar rahe hain.
  • Balaji T
    Balaji T 30 मई 2024
    The assertion that market capitalization reflects corporate integrity is, in the strictest sense, an epistemological fallacy. The conflation of financial metrics with moral accountability constitutes a systemic failure of capitalist discourse. One must interrogate the ontological underpinnings of such valuation paradigms, particularly when they are predicated upon opaque supply-chain protocols. The OCCRP findings, though contested, demand a JPC inquiry-not as political theater, but as a necessary epistemic corrective to the neoliberal mythos of self-regulation.
  • Nishu Sharma
    Nishu Sharma 31 मई 2024
    bhai log ye koyla quality ka sawal kuch alag hai, maine ek friend jo Tangedco mein hai usse baat ki thi, unke paas har batch ka lab report hota hai, jo kisi bhi third party ke saath match hota hai, aur jo report aati hai usmein calorific value, ash content sab standard ke hisaab se hai, koi manipulation nahi hota, sirf media aur opposition ka drama hai, aur ek baat aur, agar koi company 56% growth kare aur sab ke reports match kare toh uske upar doubt karna matlab humein khud ki samajh nahi hai, humein education chahiye, na ki conspiracy theories
  • Shraddha Tomar
    Shraddha Tomar 2 जून 2024
    so like... market cap is just a vibe check right? 🤔 like if investors are vibing with the brand even after all the noise, that’s actually more powerful than any audit. i mean, trust isn’t built on documents, it’s built on consistency. and adani? they’ve been consistent. sure, the coal thing sounds sketchy but if the state govt and customs both signed off, then maybe the real issue is our media’s obsession with drama. also, they’re investing in green energy now? that’s a flex. like, even if you hate them, you gotta admit they’re playing 4d chess while everyone else is stuck on tiktok. peace out ✌️
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